- 1857 के विद्रोह कोई अचानक उभरा हुआ विद्रोह नहीं था। यह तो उस समय के राजनैतिक, आर्थिक तथा सामाजिक घटनाक्रम का एक स्वाभाविक परिणाम था। इस विद्रोह के राजनैतिक कारणों में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण डलहौजी की ‘गोद निषेध प्रथा’ या ‘हड़प नीति’ को माना जाता है।इस नीति के अन्तर्गत सतारा, नागपुर, सम्भलपुर, झांसी, बरार आदि राज्यों पर अधिकार कर लिया गया। जिसके परिणामस्वरूप इन राजवंशों में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ असन्तोष व्याप्त हो गया।
- डलहौजी ने हैदराबाद तथा अवध को कुशासन के आधार पर अंग्रेजी साम्राज्य के अधीन कर लिया, जबकि इन स्थानों पर कुशासन फैलाने के जिम्मेदार स्वयं अंग्रेज थे। पंजाब और सिंध का विलय भी अंग्रेजी हुकूमत ने कूटनीति द्वारा अंग्रेजी साम्राज्य में कर लिया जो आगे चलकर विद्रोह का एक कारण बना।
- पेंशनों एवं पदों की समाप्ति से भी अनेक राजाओं में असन्तोष व्याप्त था। उदाहरणार्थ, नाना साहब को मिलने वाली पेंशन को डलहौजी ने बन्द करवा दिया। मुगल सम्राट बहादुरशाह के साथ अंग्रेजों ने अपमानजनक व्यवहार करना प्रारम्भ कर दिया, जिससे जनता क्षुब्ध हो गयी।
- कुलीन वर्गीय भारतीयों तथा जमींदारों के साथ अंग्रेजों ने बुरा व्यवहार किया और उन्हें मिले समस्त विशेषाधिकारों को कम्पनी की सत्ता ने छीन लिया। ऐसी परिस्थिति में इस वर्ग के लोगों के असन्तोष का सामना भी ब्रिटिश सत्ता को करना पड़ा।
- भारतीय सरकारी कर्मचारियों ने अंग्रेजों द्वारा सरकारी नौकरियों में अपनायी जाने वाली भेदपूर्ण नीति का विरोध करते हुए विद्रोह में शिरकत की। भारतीय जनता अंग्रेजों के बर्बर प्रशासन से आजिज थी। लिहाजा विद्रोह को जनता का भी समर्थन मिला।
- विद्रोह के कारणों के रूप में उपर्युक्त राजनैतिक घटनाओं की पहचान करते हुए ही 1858 के बाद ब्रिटिश सरकार ने भारत के प्रति अपने प्रशासनिक तथा राजनैतिक दृष्टिकोण में आमूल परिवर्तन किये।
Saturday, 12 May 2018
1857 के विद्रोह के राजनैतिक कारणों पर प्रकाश डालिये?
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
दुनिया के वे देश जिनका रक्षा बजट है सबसे अधिक
1 फरवरी, 2019 को भारत के वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश किया और उसमें अपने देश की सुरक्षा के लिए रक्षा बजट का आवंटन तीन लाख...

-
खनिजों का अजायबघर कहा जाता है? राजस्थान को राजस्थान राज्य खनिज विकास निगम का राजस्थान राज्य खान एवं खनिज लिमिटेड में विलय कब किया गया...
-
सूती वस्त्र उद्योगः- राजस्थान का सबसे पुराना एवं वृहद् उद्योग सूती वस्त्र उद्योग है। 1949 में राज्य में 7 सूती वस्त्र मिलें थी, जि...
-
पुस्तक लेखक फर्स्ट वार ऑफ इन्डिपेन्डेन्स विनायक दामोदर सावरकर द ग...
No comments:
Post a Comment